(7 Immutable law of marketing )मार्केटिंग के 7 रूल्स जो कभी नहीं बदलते
आईये एक नए टॉपिक पर बात करते है हलाकि ये पुराना है लेकिन कुछ नए तरीके से समझ लेते है हम बात करते है मार्केटिंग स्ट्रैटजी की तो क्या होती है मार्केटिंग स्ट्रैटजी ?
(Marketing Stratgey)मार्केटिंग स्ट्रैटजी
किसी भी प्रोडक्ट /सर्विसेज का मर्केटिंग करने से पहले है हमें कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है और ये सारी स्ट्रैटजी हमें इस्मेताल करनी चहिये
1 . (Law of Marketing) लॉ ऑफ़ मार्केटिंग
मार्केटिंग की दुनिया में ये धारणा लोगों के मन में बैठ जाती है अगर उनके पास अच्छा प्रोडक्ट नहीं ज़्यादा पैसे नहीं है जिससे वो प्रचार में इंवेट्स कर सके तो वो नेतृत्व नहीं कर सकते जब की ऐसा नहीं है आपको मार्केटिंग की दुनिया का बादशाह बनने के लिए कस्टमर की सोच पर पहले आना होगा मतलब की अगर आपसे कोई पूछे कीमुझको ऑनलाइन प्रोडक्ट मॅगाना है तो जाहिर है आप कहेंगे अमेज़न/फ्लिपकार्ट से मंगा लो यानि की आपकेदिमाग में पहले सिर्फ दो ब्रांड आ रहे है यही मार्केटिंग का पहला नियम है की आप पहले आएं
2. (Law of Category)लॉ ऑफ़ केटेगरी
"अगर आप मार्किट में चल रहे केटेगरी में पहले नहीं आ सकते तो आप खुद अपनी केटेगरी बनावो जिसमेपहलेअस्थान पर हो "
अगर मैं आपसे कहु की माउंट एवेरेस्ट पर चौथी बार जाने वाले शख्श का नाम बताओ तो शायद आप न बता पावो लेकिन अगर मै ये कहु की आप पहली भारतीय महिला का नाम जानते हो जिन्होंने ४ बार माउंट एवेरेस्ट को फतह किया तो आप ज़रूर अंशु जनसेनपा का नाम लेंगे
3. (Law of Perception)लॉ ऑफ़ परसेप्शन
"मार्केटिंग उत्पाद की नहीं बल्कि धारणा की लड़ाई है "
अगर आप एक बेहतर और गुड लुकिंग सेल फ़ोन परचेज के बारे में सोच रहे है तो निश्चय ही पहले एप्पल के बारें में माइंड में क्लिक होगा यदि आपका बजट अलाव करता है तो आप उसे खरीदना चाहोगे लेकिन ऐसे सैंकड़ों ब्रांड मार्किट में उपलभ्ध है जो एप्पल से कम नहीं चलते
तो एप्पल ने क्या किया
एप्पल ने अपने कस्टमर की सोच की ही बदल दिया यही धारणा की नेति है
4 . (Law of Focus) लॉ ऑफ़ फोकस
"मार्केटिंग में सबसे शक्तिशाली अवधारणा संभावित दिमाग में एक शब्द का मालिक होना है "
चलो हम एक कार लेने की सोचते है हमें ऐसी कार चाहिए जो गुड लुकिंग हो रेसिंग हो आरामदायक हो और जिसको ड्राइविंग करते हुवे कभी थके न तो आप निश्चय ही BMW की बात करेंगे क्यूंकि वैसी ड्राइविंग में आरामदायक कोई कर नहीं लेकिन अगर आप एक सेफ्टी कार के बारें में सोच रहे है तो आप शायद VOLVO को पसंद करंगे तो ये सारी कंपनिया किसी एक पर ज़्यादा फोकस करके मार्केटिंग करती है
5 . (Law of Opposite) लॉ ऑफ़ अपोजिट
जब हम अपने ब्राड को किसी पहले से रेपुटेड ब्रांड के सामने खड़ा करने की कोशिस करते है उसे ही हम लॉ ऑफ अपोजिट कहते है आपको ये बात तो यद् होगी आज भी जब हमारे घर में कोई बाइक को खरीदने की बात होती है तो बड़े बुजुर्ग हीरो स्प्लेंडर प्लस या प्रो को ज़्यदा पसंद करते है और आज की नयी पीढ़ी यामाहा ,सुजुकी ,पल्सर जैसी बाइक को पसंद करती है तो हम कह सकते है की ये सारी ऑटोमोबिल्स कम्पनिया अब नई पीढ़ी के टारगेट करके मार्केटिंग कर रही है
6 . (Law of Division)लॉ ऑफ़ डिवीज़न
आईये हम इस तरह समझते है आप में सब ने रेडी मि ,ओप्पो ,रियल मि ,वीवो , वनप्लस मोबाइल्स के बारें में ज़रूर सुना होगा हर एक ब्रांड का अपना अलग कस्टमर ऑडियंस है और टाइम इंडिया की 80% मार्किट को कैप्चर किये हुवे है लेकिन क्या आप जानते है की ये सारी कपनियों का एक ही रुट है थोड़ा सा और डीप में देखते है जब रेडमी ने मार्किट में एंट्री किया तो कुछ टाइम बाद उसे लगा की बहोत सरे ऐसे कस्टमर भी है जो हमरी जद में नहीं है तब उसने नया ब्रांड लांच किया और पूरा का पूरा मार्किट कैप्चर कर लिया
7 . (Law of Sacrifice)लॉ ऑफ़ सैक्रिफाइस
हम आपको टाटा डोकोमो की याद् दिलाते है आपको पता है की टाटा एक रेस्पेक्टेड और बड़ी कंपनी है लेकिन फिर भी वो टेलीकॉम इंडस्ट्री में फैल क्यूँ हो गयी जबकि वोडाफोन ,एयरटेल, जिओ , ुनिनोर जैसी कम्पनियाँ आज है भी चल रही है क्युन्कि टाटा अपना फोकस टेलिकॉम पर नहीं कर पाई जैसा उसे करना चाहिए था वही दूसरी टेलिकॉम कंपनियां आज भी चल रही है तो टाटा को कुछ चीजों में सैक्रिफाइस करनी पड़ी
8. Law of Hype (प्रचार का नियम )
प्रचार क्यों ज़रूरी है हम प्रचार क्यों करते है जब हमें अपने प्रोडक्ट को बेचना होता है तो उसे दिखने की ज़रूरत पड़ती है और फिर उसे मार्किट में अपनी एक पहचान बनांनी पड़ती है अगर हम Hype in Marketing न करें और लोगों तक उसकी जानकारी न पहुंचे तो भला हम कैसे ये कह सकते है की हमारा प्रोडक्ट बिकेगा
एक कंपनी अपने प्रोडक्ट का (Hype in Marketing ) प्रचार करती है तभी लोग उसे जान सा सकते है चलिए एक उदहारण से समझते है
एक कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज है जो चाहती है की अपना प्रोडक्ट मार्किट में लांच करें लगभग लगभग सब लोग रिलायंस को जानते है वही एक दूसरी कंपनी B है जिसने अभी कुछ ही साल पहले स्टार्ट अप किया है ये बहुत अच्छा प्रोडक्ट बनती है और इसके सर्विसेस भी अच्छे है लेकिन एक कमी है की लोग इसके बारे में जानते है नहीं तो अगर आपको इलेक्ट्रॉनिक या फिर कुछ और खरीदना है तो आप किसके पास जावोगे और क्यों ?
ज़ाहिर है आप रिलायंस को चुनोगे और कंपनी का प्रोडक्ट जल्द ही बिक जायेगा बाकि B कंपनी जंग हर जाएगी
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